भारतीय जनता द्वारा 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ किया गया विद्रोह कई कारणों से असफल रहा लेकिन इससे इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। इसके परिणाम बहुत ही महत्त्वपूर्ण थे। इसलिए इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी जाती है।
1857 के विद्रोह की उपलब्धियां निम्नलिखित है –
1. देशभक्ति की भावना का उदय – इस आंदोलन ने भारतीय जनता के हृदय में देशभक्ति की भावना को जागृत किया। विद्रोह में जान देने वालों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया उन्होंने प्रेरणा स्रोत का कार्य किया। उनके बलिदान की कहानियों ने आने वाली पीढ़ियों के दिल में जोश व उत्साह जगाया तथा देश के लिए प्राणोत्सर्ग करने की प्रेरणा दी।
2. एकता का विकास – इस स्वतंत्रता आन्दोलन ने देश भर को एकता के सूत्र में बाँधा इस आन्दोलन में हिन्दू- मुस्लिम जनता ने बिना भेद के एक साथ मिलकर भाग लिया था। इससे समाज में वर्ग-भेद भी समाप्त हुआ था पहले लोगों की स्वामी भक्ति अपने राज्य और रियासत के प्रति होती थी, लेकिन इस आंदोलन के बाद देश के लोगों की स्वामी भक्ति देश के प्रति हो गई थी।
3. धार्मिक हस्तक्षेप की समाप्ति – 1858 में महारानी विक्टोरिया ने भारत के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की घोषणा की क्योंकि वे यह जान चुके थे कि भारतीय धर्म के प्रति कितने सचेत थे।
4. भारतीयों के लिए उच्च पदों की व्यवस्था – नौकरी- पेशा लोगों को संतुष्ट करने के लिए भारतीयों के लिए भी उच्च पदों की व्यवस्था की गई तथा यह घोषणा की गई कि जाति व रंग के आधार पर भारतीयों के साथ कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा।
5. गोद प्रथा की अनुमति –अंग्रेजी सरकार ने भारतीय नरेशों को संतानहीन होने पर बच्चा गोद लेने की अनुमति दे दी।
6. भारतीय नरेशों को राहत – ब्रिटिश सरकार ने भारतीय नरेशों को राहत देते हुए उन्हें उनके क्षेत्र न हड़पने का आश्वासन दिया साथ ही उनको दी गई सुविधाओं को पूर्ववत रखा गया।