अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
अर्थव्यवस्था एक ऐसी प्रणाली हैं. जो लोगों को आजीविका के साधन प्रदान करती है। अर्थव्यवस्था में उत्पादन, विनिमय एवं वितरण की उन सभी क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है, जिनसे लोगों की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिलती है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन किया जाता है, ताकि लोगों की अधिकतम आवश्यकताओं को सन्तुष्ट किया जा सके।
अर्थव्यवस्था का अर्थ एवं परिभाषा
अर्थव्यवस्था की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नांकित हैं-
- प्रो. डब्ल्यू. एन. लुक्स के अनुसार, “अर्थव्यवस्था में उन सभी संस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है, जिन्हें कुछ निश्चित लोगों अथवा किसी राष्ट्र या राष्ट्रों के किसी निश्चित समूह ने ऐसे साधनों के रूप में चुना है जिनके माध्यम से मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए संसाधनों का उपयोग किया जाता है।”
- प्रो. ए. जे. ब्राउन के अनुसार, “अर्थव्यवस्था से अभिप्राय एक ऐसी प्रणाली से है जिसके द्वारा लोग आजीविका प्राप्त करते हैं।”
उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि अर्थव्यवस्था से तात्पर्य, एक ऐसी प्रणाली से है जिसमें सभी प्राकृतिक, भौतिक एवं मानवीय साधनों का प्रयोग करके विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन किया जाता है जिससे राष्ट्र की जनता की अधिकतम आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और उन्हें अधिकाधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जा सके।
अर्थव्यवस्था के प्रकार
सामान्यतया अर्थव्यवस्था तीन प्रकार की होती है-
1. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था वह है, जिसमें उत्पत्ति के साधनों पर निजी स्वामित्व होता है तथा इन साधनों को लाभ कमाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यों में प्रयोग करने की स्वतंत्रता होती है।
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में निजी सम्पत्ति का अधिकार होता है। प्रत्येक व्यक्ति को सम्पत्ति प्राप्त करने, रखने, प्रयोग करने तथा उसका क्रय-विक्रय करने का पूर्ण अधिकार होता है। वह इस निजी सम्पत्ति को अपने उत्तराधिकारियों को हस्तांतरित भी कर सकता है।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में आर्थिक स्वतंत्रता होती है। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार किसी भी व्यवसाय को चुन सकता है।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में लाभ का उद्देश्य प्रमुख होता है। व्यक्ति केवल उन कार्यों को संपादित करता है, जिससे उसे अधिकतम लाभ की प्राप्ति होती है।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था स्वतंत्र प्रतियोगिता पर आधारित होती है। क्रेता, विक्रेता, उत्पादक तथा श्रम पर्याप्त मात्रा में होते हैं तथा वे आपस में प्रतियोगिता करते हैं।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता को सार्वभौमिक सत्ता प्राप्त होती है अर्थात् उपभोक्ता अपनी आय को इच्छानुसार विभिन्न वस्तुओं पर व्यय कर सकता है।
- पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का संचालन एवं समन्वय कीमत यंत्र द्वारा होता है अर्थात् उत्पादन उपभोग एवं विनियोग सभी कीमतों द्वारा निर्धारित होते हैं।
2. समाजवादी अर्थव्यवस्था (Socialist Economy) –
समाजवादी अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत उत्पादन के साधनों का समाजीकरण आय का समान वितरण तथा व्यक्तियों में कुछ सीमा तक आधारभूत स्वतंत्रताएँ पायी जाती हैं।
समाजवादी अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर समाज का स्वामित्व होता है, अतः उत्पादक सम्पत्ति का प्रयोग निजी लाभ के लिए नहीं करके सामाजिक उद्देश्य के लिए किया जाता है।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन संबंधी सभी निर्णय सरकार द्वारा लिए जाते हैं अर्थात् यहाँ स्वतंत्रता का अभाव होता है।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में कीमत यंत्र का महत्वपूर्ण स्थान नहीं होता है। केवल वस्तुओं के वितरण एवं आर्थिक में इनका प्रयोग किया जाता है। (
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण प्रतिस्पर्धा का अभाव पाया जाता है।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व के कारण आर्थिक असमानताएँ नहीं होती हैं।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में आर्थिक नियोजन का महत्वपूर्ण स्थान होता है और योजना आयोग उत्पादन संबंधी सभी निर्णय लेता है।
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy ) –
मिश्रित अर्थव्यवस्था एक ऐसी प्रणाली होती है, जिसमें निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र दोनों का सह-अस्तित्व होता है। दोनों के कार्य क्षेत्र निर्धारित कर दिये जाते हैं और दोनों की कार्य करने की प्रणाली इस प्रकार होती है, जिससे देश के सभी वर्गों के आर्थिक कल्याण में वृद्धि हो तथा आर्थिक विकास की गति तीव्र हो जाये।
मिश्रित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र का पर्याप्त मात्रा में सह-अस्तित्व होता है ।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में लाभ का उद्देश्य तथा कीमत यंत्र को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता है।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में आर्थिक स्वतंत्रता पायी जाती है । परन्तु यह पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की तुलना में कम होती है। व्यक्ति अपना व्यवसाय चुनने के लिए स्वतंत्र होता है।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की तुलना में आय एवं सम्पत्ति का अधिक समान वितरण होता है।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में आर्थिक नियोजन को अपनाया जाता है।
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