आधुनिक भारत का इतिहास : बहुत समय पहले, भारत पर मुगल साम्राज्य नामक एक शक्तिशाली साम्राज्य शासन करता था। लेकिन समय के साथ, यह कमजोर पड़ने लगा और अन्य समूहों का प्रभाव बढ़ने लगा।
तभी ब्रिटेन से एक कंपनी, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी कहा जाता था, व्यापार के लिए भारत आई। 1757 में एक लड़ाई में बड़ी जीत के साथ शुरुआत करते हुए, उन्होंने धीरे-धीरे भारत के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया।
1857 में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध बड़ा विद्रोह हुआ। इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम या सिपाही विद्रोह के नाम से जाना जाता है।
उसके बाद, ब्रिटिश क्राउन ने सीधे भारत की कमान संभाली। इस काल को ब्रिटिश राज कहा जाता है। भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
भारत में लोग यह जानना चाहते थे कि उनका देश कैसे चलाया जाए। उन्होंने 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) नामक एक समूह का गठन किया। इस समूह ने स्वतंत्रता की लड़ाई में एक बड़ी भूमिका निभाई।
1947 में लंबे संघर्ष के बाद आख़िरकार भारत को आज़ादी मिल गई। 15 अगस्त को मनाया जाने वाला यह बहुत ही महत्वपूर्ण दिन था। उसी समय कुछ लोगों के लिए पाकिस्तान नाम का एक नया देश बनाया गया।
आजादी के बाद 1950 में भारत एक गणतंत्र बन गया, जिसका अर्थ है कि लोगों ने अपने नेताओं को लोकतांत्रिक तरीके से चुना। जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने।
आधुनिक भारत बनने से पूर्व की घटनाएं
ब्रिटिश उपनिवेशवाद (1757-1947)
- 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण हासिल कर लिया।
- सिपाही विद्रोह (1857-1858) के बाद भारत ब्रिटेन का औपचारिक उपनिवेश बन गया, जिसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में भी जाना जाता है।
- ब्रिटिश राज, प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासन की अवधि, 1858 में शुरू हुई और 1947 में भारत की आजादी तक चली।
भारतीय राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता आंदोलन
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की स्थापना 1885 में हुई, जो स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई।
- मोहनदास गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और अन्य जैसे प्रमुख नेताओं ने अहिंसक प्रतिरोध आंदोलनों, सविनय अवज्ञा और ब्रिटिश नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
- 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख मोड़ साबित हुआ।
विभाजन और स्वतंत्रता (1947)
- 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।
- देश को धार्मिक आधार पर दो स्वतंत्र राज्यों – भारत और पाकिस्तान – में विभाजित किया गया था। इससे व्यापक हिंसा और विस्थापन हुआ।
स्वतंत्रता के बाद का भारत
- भारत ने 1950 में एक लोकतांत्रिक संविधान अपनाया और एक गणतंत्र बन गया।
- प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत की नीतियों और संस्थानों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेहरूवियन युग (1947-1964)
- नेहरू का कार्यकाल राष्ट्र-निर्माण, आर्थिक योजना और विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता पर केंद्रित था।
- भारत को चीन-भारत युद्ध (1962) और भारत-पाकिस्तान युद्ध जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
उत्तर-नेहरूवियन काल (1964-1984)
- नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं और भारतीय राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई।
- इस अवधि में हरित क्रांति, बैंकों का राष्ट्रीयकरण और आपातकाल की स्थिति (1975-1977) की घोषणा देखी गई।
उदारीकरण और आर्थिक सुधार (1991)
- 1991 में भारत को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, जिससे आर्थिक उदारीकरण और बाजार-उन्मुख सुधारों को बढ़ावा मिला।
- इससे महत्वपूर्ण आर्थिक विकास और वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला।
हाल का इतिहास (1991-वर्तमान)
- बढ़ती अर्थव्यवस्था, तकनीकी प्रगति और विविध सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ भारत एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरा है।
- 21वीं सदी में आतंकवाद, सांप्रदायिक तनाव और क्षेत्रीय संघर्ष जैसी चुनौतियां भी देखी गई हैं।
समकालीन भारत
- भारत गरीबी, असमानता और क्षेत्रीय असमानताओं के मुद्दों से जूझ रहा है।
- देश ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी में प्रगति की है।
इस तरह भारत अपने लोगों की कई वर्षों की कड़ी मेहनत और बलिदान के बाद एक स्वतंत्र और स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।
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